सोमवार, 11 जुलाई 2011

गिरफ्तार करो...


वो गुनहगार है, कातिल है
गिरफ्तार करो
वो घूमता है खुलेआम
गिरफ्तार करो
वो जानता है कत्ल करने के तरीके ढेरों
वो प्यार से लेता है सबकी जान
गिरफ्तार करो
उसके पास जान लेने के औजार बहुत सारे हैं
जिन्हें वो मारता है, सभी उसके प्यारे हैं
वो छोड़ता नहीं है, कत्ल का कोई भी सुराग
पर मैं जानता हूं, वो कातिल है
गिरफ्तार करो


उसकी आंखों में तेज धार एक कटारी है
उसकी जुबान पर मीठी सी छुरी प्यारी है
वो जिसे चाहे, कुछ इस तरह नचाता है
जैसे यमदूत मौत बनकर पास आता है
वो मार डालेगा सबको
गिरफ्तार करो
वो गुहगार है, कातिल है
गिरफ्तार करो

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