शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

सुनो ! क्या चाहती है बिटिया





आम बजट । एक ऐसा शब्द जो शब्दों से हटकर सबकुछ है... शब्द भले ही आम हो लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं है कि ये खास लोगों को प्रभावित नहीं करता....खूब करता है, बल्कि यूं कहें कि कभी कभी कुछ खास लोगों पर अनुकूल प्रभाव डालता है, और कभी कभी प्रतिकूल तो ज्यादा बेहतर होगा...जहां तक आम लोगों की बात है, तो इसके नाम से ही आपको लग गया होगा कि ये आम लोगों के लिए है...और हकीकत भी कुछ ऐसा ही है...अंतर सिर्फ इतना है कि पूरे बजट में आम इंसान का केवल जिक्र भर ही होता है....फिक्र तो कहीं दिखता ही नहीं....खैर मैं मुख्य विषय से भटक गया...और बजट जैसे गूढ़ विषय पर बात करने लगा .....दरअसल मैं आज बात करने जा रहा हूं चाहतों की...नहीं नहीं, वो चाहत नहीं जो आप समझ रहे हैं...बल्कि हम बात कर रहे हैं उस चाहत की, जो इस बजट में लोग वित्त मंत्री से चाहते हैं...आप भी कुछ चाह रहे होंगे, हम भी कुछ चाह रहे हैं...लेकिन बात एक खास शख्सियत के चाहत की...जो अजीब है....अजीब इसलिए कि इस चाहत में एक ऐसी मांग शामिल है , जिसकी मांग आज से पहले किसी ने भी वित्त मंत्रालय से नहीं की....
शरमिष्ठा मुखर्जी । मशहूर कथक डांसर और प्रणब मुखर्जी की पुत्री...वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की पुत्री...हर नागरिक की ही तरह शरमिष्ठा को भी इस बजट से कुछ उम्मीदे हैं..और वो चाहती हैं कि वित्त मंत्री उसे पूरा करें...और इसीलिए उन्होने वित्त मंत्री के लिए एक खुला पत्र लिखा है...जिसमें उन्होंने अपनी मांगें लिखी है...अब सवाल ये उठता है, कि वित्त मंत्री की पुत्री को अपनी किसी मांग को मंगवाने के लिए पत्र लिखने की क्या जरूरत है...तो इसका जवाब भी शरमिष्ठा ने खुद लिखा है...उन्होंने लिखा है कि घर में मैंने कई बार अपने पिता से इस बारे में बात करनी चाही...लेकिन हर बार उनकी फौलादी निगाहों ने मुझे डरा दिया...और मैं कुछ भी नहीं कह सकी...इसीलिए ये खुला पत्र लिख रही हूं। अपने पत्र में उन्होने कलाकारों के लिए कई तरह की सहूलियतों की मांग की है...और कहा है कि मुझ जैसे कलाकारों पर टैक्स को कम करना चाहिए....लेकिन हमें शरमिष्ठा की इन मांगो से कोई खास सरोकार नहीं है...क्योंकि ऐसी मांग तो हर कोई अपने लिए करता है...खुद हम तो अपनी सहुलियतें चाहते हैं.... लेकिन शरमिष्ठा ने जो आगे मांग की है वो कुछ खास है....
दरअसल शरमिष्ठा चाहती हैं कि उनके वित्त मंत्री पिता इस बार के बजट में जानवरों पर भी टैक्स लगाएं...मतलब जानवरों से टैक्स वसूलें...वो भी 90 से 95 फीसदी तक...आप सोच रहे होंगे कि आखिर जानवर कैसे और कहां से टैक्स देंगे...तो हम बताते हैं कि कैसे होगा ये सब...इसके लिे आप खुद ही पढ़ लीजिए की क्यालिका है शरमिष्ठा ने....और क्या है शरमिष्ठा की मांग....

मेरी वित्त मंत्री से मांग है कि 90 से 95 प्रतिशत टैक्स उन जानवरों से वसूला जाना चाहिए, जो दिल्ली और एनसीआर की सड़कों पर खुलेआम घूमते हैं। जिनकी जिंदगी का इकलौता मकसद सड़क पर महिलाओं की गाड़ियों का पीछा करना, और उन्हें तंग करना है ” (शरमिष्ठा मुखर्जी )

जी हां... शर्मिष्ठा परेशान हो चुकी हैं, लम्बी-चौड़ी गाड़ियों में बैठकर लड़कियों का पीछा करने और उन्हें छेड़नेवाले रईसजादों से... वैसे शर्मिष्ठा की ये मांग उन लोगों के लिए भी है, जिनके पास लम्बी गाड़ियां तो नहीं, लेकिन हरकतें बिगड़ैल रईसजादों से कम नहीं...

इस तरह का टैक्स सड़कों पर घूमने वाले रोड साइड रोमियो पर भी लगना चाहिए। और साथ ही वैसे लोगों पर भी, जो महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हैं ” (शरमिष्ठा मुखर्जी )

आपको लग रहा होगा, कि ये एक बेटी की मांग अपने पिता से है... लेकिन ऐसा नहीं है... ये महज मांग नहीं है...ये एक त्रासदी है जो बयां करती है महिलाओं के हालात को...ये सवाल के कटघरे में खड़ा करती है उस सरकार को...जिसकी जिम्मदारी है महिलाओं की सुरक्षा की, और साथ ही सच्चाई भी बताती है व्यवस्था के नाकामी की.... ये मांग बताती है कि महिलाएं कितनी परेशान हैं, कितनी त्रस्त हैं...और इतनी डरी हुई हैं कि उन जानवरों से छुटकारा पाने के लिए वो किसी से कुछ भी मांगने को मजबूर हैं...शरमिष्ठा जानती हैं कि किसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय की नहीं है...लेकिन क्या करें, जिसकी है वो तो कुछ कर नहीं रहा...सो सोचा वित्त मंत्रालय से ही मांग ले...पिता हैं शायद सुरक्षा की गारंटी मिल जाए.... शर्मिष्ठा की ये मांग देशभर में खासकर देश की राजधानी में महिलाओं की बदहाली बखूबी बयां करती है...ये मांग इसलिए भी खास है कि ये शरमिष्ठा ने मांगा है.....आप खुद ही सोचिए कि देश के वित्त मंत्री की बेटी अगर इन जानवरों से इस कदर परेशान है...तो आम महिलाओं का क्या हाल होता होगा....और वो किसे अपना फरियाद सुनाती होंगी,.....और कौन सुनता होगा उनके इस ‘ बकवास ’ को कि...सड़कछाप मजनुओं ने जीन मुहाल कर रखा है...